Description
सिस्ट क्योर को बनाने के लिए कचनार की छाल, पीपली, हरितकी, अमलाकी, इलायची, काली मिर्च, अदरक बिभितकी, वरुणा छाल और गुग्गुल गोंद को समान मात्रा में मिलाया जाता है। इन सभी सामाग्रियों को मिलाकर इसे रूप दिया जाता है।
ब्लड साफ होता है
सिस्ट क्योर का सेवन करने से ब्लड की सफाई होती है। इसमें मौजूद तत्व खून को साफ करने और कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करते हैं। इसका सेवन करने से खून का गाढ़ापन कम करने में भी मदद मिलती है, जिससे शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है। यह शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे शरीर अंदर से स्वस्थ बनता है।
लिम्फ नोड की सूजन दूर करे
सिस्ट क्योर का सेवन करने से लिंफ नोड की सूजन को कम करने में मदद मिलती है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। गर्दन, कांख, पैरों के बीच या शरीर के अन्य हिस्सों में होने वाली सूजन को कम करने के लिए सिस्ट क्योर का सेवन काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
वजन घटाने में मददगार
वजन घटाने के लिए भी सिस्ट क्योर एक कारगर औषधि है। इसका सेवन करने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे शरीर में जमा अतिरिक्त फैट कम होता है। यह पेट के आसपास जमा चर्बी को कम करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। सिस्ट क्योर का सेवन करने से पाचन तंत्र भी सुचारु रूप से काम करता है।
थायरॉइड में फायदेमंद
थायरॉइड की बीमारी के इलाज के लिए सिस्ट क्योर का सेवन किया जा सकता है। यह थायरॉइड ग्लैंड और थायरॉइड हार्मोन को संतुलित और स्वस्थ रखने में मदद करता है। सिस्ट क्योर के सेवन से थायरॉइड की सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
पीसीओएस की समस्या दूर करे
आजकल महिलाओं में पीसीओएस की समस्या बेहद आम हो गई है। इसके कारण महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, चेहरे पर बाल आना, वजन बढ़ना और मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सिस्ट क्योर के सेवन से हार्मोनल असंतुलन ठीक होता है, जिससे पीसीओएस की समस्या दूर होती है।
लिपोमा का इलाज
सिस्ट क्योर लिपोमा के लिए अच्छा उपाय है। इस जड़ी बूटी को जब अमृत गुग्गल वटी के साथ लिया जाता है तो यह फैट युक्त ट्यूमर टिशू के आकार को कम करने में मदद करता है।
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